Yuhi Marta Nahi Koi Poetry - Jai Ojha | Tribute to Sushant Singh Rajput - Song, WebSeries & Movies

Yuhi Marta Nahi Koi Poetry – Jai Ojha | Tribute to Sushant Singh Rajput

Yuhi Marta Nahi Koi Poetry By Jai Ojha Tribute to Sushant Singh Rajput

Yuhi Marta Nahi Koi Poetry :- After releasing beautiful poetry Talaash very talented young poet Jai Ojha back again with a new sentimentalist poetry titled “Yuhi Marta Nahi Koi“. In this poetry Jai Ojha tribute to our hero Shushant Singh Rajput who recently suicide and lost his life by himself.

Yuhi Marta Nahi Koi Poetry

3 इडियट्स फिल्म का एक डायलॉग है 
ये इंजीनियर्स भी बड़े चालाक होते हैं सर 
कोई ऐसी मशीन नहीं बनाई जो दिमाग का प्रेशर नाप सके 
बनाई होती तो मालूम चल जाता कि ये सुसाइड नहीं मर्डर है
छीनकर सब कुछ उससे 
लाचार कर दिया जाता है 
यूं ही मरता नहीं कोई 
मार दिया जाता है
मार दिया जाता है 
कभी तोड़े जाते हैं सपने उसके
कभी क़त्ल करके इरादों का 
कभी कुचल दी जाती है ख्वाहिशें उसकी 
कभी गला घोट के अरमानों का
कभी देख कर अनदेखा करके 
कभी जानकर नजरअंदाज करके  
कभी फब्तियां कस कर 
कभी छीनकर उसका काम उससे 
जब बदन पर चोट नहीं कर पाते तो 
जब बदन पर चोट नहीं कर पाते तो 
ज़हन पर वार किया जाता है
यूं ही मरता नहीं कोई 
मार दिया जाता है
मार दिया जाता है
अरे वो क्वांटम फिजिक्स की बातें करता
पॉलिटिक्स उसको आती नहीं है 
तुम मुझसे कॉसमॉस के बारे में पूछो, 
ये गंदी गॉसिप आती नहीं है 
ये साजिशें ये गुटबाजिया उसे समझ कहां आता है  
कहता है यह कौन सी दुनिया है मां 
अब यहां और नहीं रहा जाता है 
जब जान लेना हो, मुमकिन नहीं
जब जान लेना हो, मुमकिन नहीं 
तो जीना दुश्वार कर दिया जाता है। 
यूं ही मरता नहीं कोई 
मार दिया जाता है
मार दिया जाता है
हां वो किसी ऊंचे खानदान का वारिस नहीं, 
किसी बड़े बाप की औलाद नहीं 
लेकिन वो तख्त हासिल किया है बाजुओं से
कुछ मिला नहीं खैरात कहीं 
अरे तुम्हारी तो रूह है मर चुकी बस पैसा है, जज्बात नहीं
लेकिन क्या खरीद पाओगे सोच को उसकी 
उतनी तुम्हारी औकात नहीं
यहां नाम वालों को काम देकर 
काम वालों को बायकाट कर दिया जाता है

यूं ही मरता नहीं कोई 
मार दिया जाता है
मार दिया जाता है
अरे आउटसाइडर है, सेल्फ मेड है, 
साबित करके दिखाया है
क्या मांगा है उसने तुमसे 
वो तो अपना घर भी छोड़ कर आया है 
यहां पर काटकर परिंदे को 
यहां पर काटकर परिंदे को 
बेकार कर दिया जाता है
यूं ही मरता नहीं कोई 
मार दिया जाता है
मार दिया जाता है
छीनकर सब कुछ उससे 
लाचार कर दिया जाता है 
यूं ही मरता नहीं कोई 
मार दिया जाता है
मार दिया जाता है 
दिखाई नहीं देता पर शामिल जरूर होता है
हर खुदकुशी करने वाले का ,
कोई कातिल जरूर होता है
                                      – Jai Ojha

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